सोमवार को 50 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी करेंगें आमरण अनशन
सामूहिक अवकाश से थमी राज्य सरकार के कार्यों की गति
जयपुर, दिनांक 29.09.2018(नि.स.)
राज्य सरकार की वादाखिलाफी के चलते प्रदेश के एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के कारण राज्य सरकार के सभी कार्यों की गति पूर्ण रूप से थम गयी है। अपनी जायज मांगों हेतु लगभग 50 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी जयपुर के मानसरोवर में शिप्रापथ थाने के सामने 10 दिन से महापड़ाव डाले हुए हैं। इस सबके बावजूद राज्य सरकार ने प्रशासन की सबसे महत्वपूर्ण इस कड़ी से अभी तक कोई सम्पर्क नहीं किया है जिसके चलते मंत्रालयिक कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है।

प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सैना ने कहा कि अनुशासित एवं मेहनतकश मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ हुए समझौते को लागू नहीं करके राज्य सरकार ने इस संवर्ग को जबरन आन्दोलन के रास्ते पर धकेला है। जंहा एक ओर राजस्थान अधीनस्थ सेवा के मंत्रालयिक कर्मचारी बारिश और धूप को सहन कर विपरीत परिस्थितियों में सरकार के समक्ष अपनी बात रख रहे हैं, वहीं पूर्व से ही अधिक पदौन्नति के अवसर सृजित होने के उपरान्त भी राज्य सरकार ने बिना किसी आवश्यकता के सचिवालय सेवा में पदौन्नति के अवसरों में बढोतरी के आदेश जारी किये हैं। सक्सैना ने यह भी कहा कि रविवार से मंत्रालयिक कर्मचारियों के परिवारजन एवं मित्रगण भी महापड़ाव में सम्मिलित होना आरम्भ करेंगें तथा सोमवार से भारी संख्या में प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारी महापड़ाव स्थल पर आमरण अनशन करेंगे।


प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजसिंह चौधरी, विजय सिंह राजावत तथा जितेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार मंत्रालयिक कर्मियों की मांगें पूर्ण करने हेतु तो वित्तीय भार की बात करती है किन्तु जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते बढ़ाने हेतु किसी तरह का कोई आकलन नहीं किया जाता है।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष भीखाराम चौधरी तथा कोषाध्यक्ष यतेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि रात्रि कालीन महापड़ाव में महिलाओं की संख्या में लगातार अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है जिससे आन्दोलन को गति प्राप्त हो रही है।
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News Update : 28/09/2018
मांगें मनवाने हेतु मंत्रालयिक कर्मी करेंगें आमरण अनशन वेतन को तरसेंगे प्रदेश के आठ लाख कर्मचारी, महापड़ाव में रात को महिला मंत्रालयिक कर्मचारी भी रूकेंगी
जयपुर, दिनांक 28.09.2018(नि.स.) मंत्रालयिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने से वेतन बिल नहीं बनने के कारण प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाने के कारण बढ़ सकती हैं मुश्किलें। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर प्रदेश के 132 विभागों के एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारी अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर 9वें दिन भी सामूहिक अवकाश पर रहे। लगभग 40 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी मानसरोवर के शिप्रापथ थाने के सामने, जयपुर में महापड़ाव डाले बैठे हैं, किन्तु राज्य सरकार ने अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।
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वेतन को तरसेंगे प्रदेश के आठ लाख कर्मचारी
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महापड़ाव में रात को महिला मंत्रालयिक कर्मचारी भी रूकेंगी
प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सैना ने कहा कि राज्य सरकार के समक्ष अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार से प्रदेश के एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारी महापड़ाव स्थल पर आमरण अनशन करेंगे । ज्ञात रहे मंत्रालयिक कर्मी तेज धूप और बारिश में भी लगातार अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं । राज्य सरकार की संवादहीनता से मंत्रालयिक कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है । राज्य सरकार से पुनः मांग की जाती है कि शीघ्र मंत्रालयिक कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय लें ।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने बताया कि महापड़ाव में मनाये गये मंत्रालयिक महिला शक्ति दिवस की परिणीति के रूप में प्रदेश में आन्दोलन को गति प्रदान करने के उद्देश्य से राजस्थान के इतिहास में प्रथम बार महिलाएं भी शुक्रवार से रात्रि महापड़ाव में सम्मिलित हुई हैं।
प्रदेश महामंत्री रमेशचन्द शर्मा एवं प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश शर्मा तथा संयुक्त महामंत्री विरेन्द्र दाधीच ने बताया कि प्रदेश के समस्त जिलों से मंत्रालयिक कर्मचारियों का महापड़ाव में आना लगातार जारी है और सभी विभागों में काम पूर्णतया ठप्प पड़ा है। राजस्थान का मंत्रालयिक कर्मचारी वर्षों से किये जा रहे छलावे से आहत है और किसी भी सूरत में आन्दोलन से पीछे नहीं हटेगा, इसलिए सरकार को तत्काल मंत्रालयिक कर्मियों के पक्ष में आदेश पारित करने चाहिए। जैसलमेर सहित सभी जिलों से भारी संख्या में मंत्रालयिक कर्मचारी शनिवार को महापड़ाव में सम्मिलित होंगे ।

महासंघ के जयपुर जिलाध्यक्ष मुकेश मुद्गल एवं दौसा जिलाध्यक्ष जगदीश मीणा तथा बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने कहा कि ग्रेड पे 3600 की मांग पूरे राजस्थान के मंत्रालयिक कर्मचारियों के स्वाभिमान की न्यायसंगत मांग है। समकक्ष संवर्गों एवं निम्न संवर्गों को मंत्रालयिक कर्मचारियों से बहुत अधिक आगे बढाकर वेतन एवं भत्ते दिये जा रहे हैं जो कि नीतिगत नहीं है।
प्रदेश से आये लगभग 40 हजार मंत्रालयिक कर्मचारियों ने चूरू जिलाध्यक्ष दिनेश स्वामी सहित सभी उपचाराधीन मंत्रालयिक कर्मचारियों के शीघ्र स्वास्थ्य की कामना की एवं प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सैना को विश्वास दिलाते हुए राज्य सरकार को चेतावनी भी दी कि राज्य सरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों के सब्र का इम्तिहान न ले क्योंकि मंत्रालयिक कर्मचारी आदेश पारित होने से पूर्व आन्दोलन समाप्त नहीं करेंगें।
(मनोज सक्सैना)
प्रदेशाध्यक्ष
